Repo Rate क्या है? Reverse Repo Rate ! CRR रेट ! SLR रेट |
हेलो दोस्तो आज के इस लेख में हम बात करने वाले है Repo Rate क्या है? Reverse Repo Rate ! CRR रेट ! SLR रेट | RBI Repo Rate क्या होता है और इससे आपकी जेब पर क्या फर्क पड़ता है ?
New Updates : RBI Repo Rate 29 Mar 2022 4.00℅
Repo Rate क्या है? Reverse Repo Rate ! CRR रेट ! SLR रेट
REPO RATE क्या है ?
अगर हम आपको आसान भाषा मे समझाए तो रेपो रेट क्या है तो समझिए जैसे किसी बैंक से हम कर्ज लेते हैं और उस लिए गए कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। इसी तरह बैंकों को भी अपने प्रतिदिन के कामकाज के लिए भारी-भरकम राशि की जरूरत पड़ जाती है और ये बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कर्ज लेते हैं। और इस ऋण पर Reserve Bank of India जिस कर से उनसे ब्याज वसूलता है, उसे ही रेपो रेट कहते हैं।
और यह फिर से खरीदने के विकल्प (Repurchase Option) की तरह ही काम करता है और जब बैंक अपनी किसी चीज को गिरवी रख देता है उसे वह बाद में वापस खरीद लेता है। अगर कोई ब्याज चुकाने में डिफॉल्टर हो जाता है तब RBI उनके द्वारा दी गई Secuirty और bonds की नीलामी कर सकता है
फिलहाल RBI द्वारा Rates में कोई बदलाव (Changes) नही किया है अभी 4% पर ही रखा है| पिछली Rates Charts कुछ इस तरह है
Date of Update. Rate
09 Oct 2020 4.00%
06 Aug 2020 4.00%
22 May 2020 4.00%
27 March 2020 4.00%
6 Feb 2020 5.15%
07 Aug 2019 5.40%
06 June 2019 5.75%
04 April 2019 6.00%
Reverse Repo Rate क्या है ?
यह रेप्पो रेट से बिल्कुल उल्टा है। इसमें अगर Commercial Bank अपना पैसा RBI में जमा करता है तो इसके बदले में RBI अपनी सिक्योरिटीज गिरवी रखता है। और इसके बाद जैसे ही Repo अवधि खत्म हों जाती है, वैसे ही RBI एक Fixed ब्याज दर का भुगतान करके Securities फिर से वापस ले लेता है। उस इंटरेस्ट को Reverse Repo Rate कहते है।
Repo Rate और Reverse Repo की अवधि सामान्य तौर पर एक दिन की होती है लेकिन Term Repo में 7 दिन तक भी हो सकता है।
CRR और SLR क्या है What is CRR & CLR
CRR (सीआरआर)
अब बैंक के पास जमा इस डिपाजिट को Net Demand and Time Liabilities (NDTL) कहते है जो की कई तरह से प्राप्त होती है, जैसे Saving Account, Current Account और Fixed Deposit.
RBI के नियमो के अनुसार बैंकों को अपनी कुल आय में से कुछ हिस्सा उसे रिज़र्व बैंक (RBI) के पास जमा करवाना पड़ता है ताकि किसी भी विपत्ति आने पर Liabilities के लिए Minimum liquidity Level बनाये रख सके। इस रिज़र्व के लिए जो रेट तय की जाती है उसे ही हम Cash Reserve Rate (CRR) कहते है जो की अभी 4% पर है।
SLR (एसएलआर)
जिस रेट पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते हैं, उसे एसएलआर कहते हैं। नकदी को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। कमर्शियल बैंकों को एक खास रकम जमा करानी होती है, जिसका इस्तेमाल किसी इमरजेंसी लेन-देन को पूरा करने में किया जाता है।
कमर्शियल बैंकों के पास अपनी Daily liquidity जरूरत को पूरा करने के लिए भी Cash, Bonds, Gold, PSU आदि का खास जमा कराना होता है जिसका इस्तेमाल किसी इमरजेंसी लेन देन को पूरा करने में किया जाता है इसी Reserve Fund को SLR (Statutory Liquidity Ratio) कहते है जो अभी 18% है।
उदहारण के लिए:
एक बैंक के पास ₹200 करोड़ का NDTL है तो उसे लोन देने से पहले CRR (4%) और SLR (18%) की जरूरत को पूरा करना होगा, और इसके लिए बैंक ₹8 करोड़ (₹200×4%) RBI में जमा करेगा और ₹36 करोड़ (₹200×18%) का फण्ड अपने पास रखेगा। इस सब के बाद ही अपना व्यापार कर सकता है|
Repo Rate से आम आदमी पर क्या असर पड़ता है ?
Repo Rate से देश की अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित करता है
1. रेपो रेट कम होने पर
● बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण मिलेगा और उनको लागत भी कम आएगी।
● सामान्य लोगों को मिलने वाला लोन और EMI भी सस्ती होंगी।
● रेपो रेट कम होने पर बैंक कई तरह की स्कीम Provide करेगा।
● रेपो रेट कम होने पर देश में रोजगार, देश की GDP और Economy को बेहतर बनाएगा।
2. रेपो रेट ज्यादा होने पर
● रेपो रेट को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण मुद्रा-स्फीति को नियंत्रण में रखना होता है।
● रेपो रेट बढ़ने पर बैंकों को लोन पर लागत ज्यादा आएगी और समान्य लोगो को भी महंगे दर पर ब्याज लोन मिलेगा।
● मग़र महंगाई को नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी।
● Repo Rate ज्यादा होने पर Economy की Growth पर Negative प्रभाव पड़ेगा।
तो दोस्तों आपने समझा की Repo Rate किस तरह आम आदमी को प्रभावित करता है अगर आपको इस से जुड़ी जानकारी पसन्द आई है तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं और अगर आपको कुछ पूछना है तो कमेंट जरूर बताएं धन्यवाद।