Hindi Poem for Kids ! बच्चों के लिए कविता – Poetry Dukan
Hindi Poem For Kids – इस Post में हम बच्चों के लिए सबसे लोकप्रिय हिन्दी कविता को दर्शाया गया हैं। बच्चों की प्रसिद्ध कविताएँ। बच्चों के बचपन की याद दिलाती है और पुरी तरह से बच्चों के मनोविज्ञान के अनुरूप हैं। जो की लोकप्रिय कवियों दुवारा लिखी गई हैं। यह कविताएँ बच्चों के लिए सरल और रूचिकर हैं
आजकल स्कुलों में बच्चों के लिए बच्चों के लिए कविता पाठ का आयोजन होता हैं। छोटे बच्चों के लिए यहाँ पर दी गई कविताओं से काफी मदद मिलेगी ।।
◆ मेरी प्यारी बहना
मेरी प्यारी-प्यारी बहना,
मानो पूरे घर का गहना ।
दिन भर माँ का हाथ बटाती,
संग पिता के हस्ती-गाती ।
प्यार भीत भैया को करती,
सखियों की वह पीड़ा हरती।
सभी पड़ोसी उसको चाहें ।
वह आसान बनाती राहे ।
अच्छा है उस जैसा होना,
हँसी-खुशी के सपन संजोना ।
_____________________________________________
◆ कोयल
देखो कोयल कू – कू करती,
लगती कैसी प्यारी है ।
इसकी बोली तोते, चिड़िया,
और सभी से न्यारी है ।
इसको लोग चाहते क्यो है,
क्यो करते है इसका मान ?
यह तो निरी कलूटी होती,
पाती है सबसे सम्मान ।
भाई, कारण केवल यह है,
प्यारे बोल सुनाती है ।
इधर – उधर यह उड़ती – फिरती,
मीठा गाना गाती है ।
_________________________________________________
◆ कबूतर
भोले – भोले बहुत कबूतर ।
मैने पाले बहुत कबूतर ।
ढंग ढंग के बहुत कबूतर ।
रंग – रंग के बहुत कबूतर
कुछ उजले कुछ लाल कबूतर ।
चलते छम छम चाल कबूतर ।
कुछ नीले कुछ बैंगनी कबूतर ।
पहने है पैजनी कबूतर ।
करते मुझको प्यार कबूतर ।
करते बड़ा दुलार कबूतर ।
आ, अँगुली पर झूम कबूतर ।
लेते है मुँह चूम कबूतर ।
रखते रेशम बाल कबूतर ।
चलते रुनझुन चाल कबूतर ।
गुटर – गुटरगूँ बोल कबूतर ।
देते मिश्री घोल कबूतर ।
◆ तितली
दूर देश से आई तितली
चंचल पंख हिलती ।
फूल – फूल पर, कली कली पर,
इतराती, इठलाती ।
कितने सुंदर पँख है इसके,
जगमग रंग-रंगीले ।
लाल, बैंगनी, हरे बसन्ती,
काले, नील, पिले ।
बच्चों ने जब देखी इसकी,
खुशियां, खेल निराले ।
छोड़-छोड़ कर खेल-खिलौने,
दौड़ पड़े मतवाले ।
बच्चों के भी पर होते तो,
साथ-साथ उड़ जाते ।
और हवा में उड़ते-उड़ते,
दूर देश हो आते ।
_________________________________________________
◆ मित्र सदा पेडों को माने
पेड़ो की भाषा पहचानें,
मित्र सदा पेडों को माने ।
इन्हें खाद और पानी दे हम,
इनको धूप सुहानी दे हम,
तंग न इनको करना जाने,
मित्र सदा पेड़ों को माने ।
ओषधि, लकड़ी, फल देते ये,
छाव हमे शीतल देते ये,
दुनिया मे ये गुण की खाने,
मित्र सदा पेडों को माने ।
हवा शुद्ध ये हमको देते,
बदले में ये कुछ न लेते,
इन पर कवच सुरक्षा ताने,
मित्र सदा पेड़ों को माने ।
पेड़ों की है महिमा न्यारी,
पेड़ों से महके फुलवारी,
पेड़ों का गुणगान बखाने,
मित्र सदा पेड़ों को माने ।
__________________________________________________
◆ रंग बिरंगी होली
होली है भई है ।
प्यार भरी रंगोली है ।।
आओ मिलकर साथ चले ।
सबसे जाकर गले मिले ।।
लो अपनी टोली निकली ।
धूम मची है गली-गली ।।
पिला, हरा, गुलाबी, लाल ।
चले हाथ मे लिए गुलाल ।।
सबसे अपनी यारी है ।
रंग भरी पिचकारी है ।।
नाच रहे है खड़े-खड़े ।
झूम रहे है बड़े-बड़े ।।
यह सबका त्योहार है ।
हमको सबसे प्यार है ।।