होली क्यो मनाई जाती है ! इतिहास और महत्व (2023) ! Holi Kyu Mnayi Jati Hai
होली की कहानी एवं होली क्यो मनाई जाती है इतिहास Holi Kyu Mnayi Jati Hai ( Holi Festival Story Celebration ! Holika Dahan history ! facts In Hindi) हमारा भारत देश त्योहारों का देश है, यहाँ भिन्न – भिन्न जाति के लोग भिन्न -भिन्न त्यौहार को बड़े हर्सोल्लास से मनाया जाता है और इन्ही प्रसिद्ध त्यौहार में से एक है होली का त्यौहार। Holi Kyu Mnayi Jati Hai
भारत में हर त्यौहार हिंदी पंचाग के अनुसार मनाये जाते है। और होली का त्यौहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। होली त्यौहार बसंत ऋतू के स्वागत का त्यौहार माना जाता है। Holi Kyu Mnayi Jati Hai
होली दहन की कहानी व होली क्यों मनाई जाती है (Story of Holi Dahan and Why Holi is Celebrated)
हर त्यौहार का अपना एक इतिहास होता है उसके पीछे छिपी कोई न कोई कहानी होती है। जो धार्मिक मान्यताओ पर आधारित होती है। होली के पीछे भी एक कहानी है। एक हिरन्याक्श्यप नाम का राजा था, जो खुद को सबसे अधिक बलवान समझता था, इसलिए वह देवताओं से घृणा करता था, और उसे तो भगवान विष्णु का नाम सुनना तक पसंद नहीं था| Holi Kyu Mnayi Jati Hai
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लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। लेकिन यह बात हिरन्याक्श्यप को बिलकुल रास नहीं आई थी, और वह अपने पुत्र को कई तरह से डराता था और भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोकता था, पर प्रह्लाद ने एक नहीं सुनी और वह विष्णु भगवान की भक्ति में लीन रहता था। इन सबसे परेशान होकर हिरन्याक्श्यप ने एक योजना बनाई।
अपनी होलिका बहन (होलिका को वरदान प्राप्त था, कि आग पर उसे विजय प्राप्त है, उसे अग्नी जला नहीं सकती) को अग्नी की वेदी पर प्रहलाद को लेकर बैठने को कहा गया। और प्रहलाद अपनी बुआ के साथ वेदी पर बैठ गया, और अपने विष्णु भगवान की भक्ति में लीन हो गया। और तभी अचानक होलिका जलने लगी और एक आकाशवाणी हुई, और होलिका को याद दिलाया गया,
कि अगर वह अपने वरदान का दुरूपयोग करेगी तो वह खुद जल कर राख हो जाएगी, और ऐसा ही हुआ प्रहलाद का अग्नि कुछ नहीं बिगाड़ पाई और होलिका उसमे जल कर भस्म हो गई। और इस तरह प्रजा ने हर्षोल्लास से उस दिन खुशियाँ मनाई और आज तक उस दिन को होलिका दहन के नाम से मनाया जाता है और अगले दिन रंगो से इस दिन हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है।
कैसे मनाते हैं होली (How To Celebrate Holi)
होली का त्यौहार पुरे भारत में रंगों से बड़े ही हर्सोल्लास से मनाया जाता है, लेकिन इसे उत्तर भारत मे सबसे अधिक उत्साह से मनाया जाता है। होली का त्यौहार देखने के लिए लोग गोकुल, ब्रज, वृन्दावन, जैसे स्थानों पर दूर दूर से जाते है। इन स्थानों पर होली का त्यौहार होली से 10-12 दिन पहले ही मनाना शुरू हो जाता हैं।
ब्रज में होली कुछ अलग ही तरिके से मनाई जाती है जिसमे पुरुष सबसे पहले महिलाओं पर रंग डालते है और फिर महिलाए उन्हें डंडे से मारती है, यह ब्रज की बहुत ही प्रसिद्ध प्रथा है, इस प्रथा को देखने के लिए लोग उत्तर भारत (UP) जाते है।
कई ऐसे भी स्थान है जहाँ पर फूलों द्वारा होली मनाई जाती है और गाने बजाने के साथ सभी एक दुसरे से मिलते है और खुशियाँ मनाते है।
भारत के मध्य व महाराष्ट्र में रंग पञ्चमी का अधिक महत्त्व है, यहाँ के लोग टोली बनाकर हाथो में रंग, गुलाल लगाकर एक दुसरे के घर जाते है और एक दुसरे को रंग लगाकर कहते है “बुरा न मानों होली है” भारत के इंदौर शहर में होली का कुछ अलग ही जश्न होता है, और इस रंग पञ्चमी की “गैर” कहा जाता है, जिसमे पूरा इंदौर शहर आने घर से एक साथ निकलता है, और नाचते गाते त्यौहार का मजा लिया जाता।
इस रंग बिरंगे त्यौहार को “फाल्गुन महोत्सव” भी कहा जाता है, इस दिन पुराने गीतों को ब्रज की भाषा में गाया जाता। भांग से बना पान भी होली का एक विशेष भाग है। नशे में डूब कर सभी एक दुसरे से गले लगते है सारे गिले शिक्वे भुलाकर सभी एक दुसरे के साथ नाचते गाते है। जश्न मनाते है।
होली जे रंग बिरंगे पर्व पर सभी घरों में नए-नए पकवान बनाये जाते है। वैसे तो हर त्यौहार में स्वाद से भरे हमारे देश में हर त्यौहार में विशेष पकवान बनाये जाते है।
होली में कैसे रखे सावधानी (How To Be Careful In Holi)
सावधानी पूर्वक एक दुसरे को रंग लगाये, किसी को साथ जबरदस्ती से रंग ना लगाए। क्योकि होली पर एक दूसरे के साथ लड़ाई झगड़ा होने का खतरा बढ़ जाता है।
होली रंग-बिरंगे का त्यौहार है। लेकिन इसे सावधानी से मनाया जाना बहुत जरुरी है। क्योकि आजकल रंग में बहुत ज़्यादा मिलावट आने के कारण कई लोगो के चेहरे खराब हो जाते है इसलिए होली पर पक्के रंग का प्रयोग बिल्कुल ना करे है हो सके तो गुलाल द्वारा ही होली मनाई जाए।
क्योकि गलत रंग के उपयोग करने से आँखों की बीमारी होने का खतरा भी बड़ जाता है। इसलिए रसायन मिश्रित वाले रंगों का प्रयोग करने से बचे।
बाहर से बनी कुछ भी चीज जैसे फ़ास्ट फ़ूड, स्वीट, या फिर और अलग ही कोई पकवान बिल्कुल न खाए क्योकि त्योहारों के समय म इन चीजों पर ज्यादा मिलावट देखने को मिलती है जिस से आप बीमार पड़ सकते है
और हो सके तो इस पर्व पर भांग का सेवन बिल्कुल न करे क्योकि भांग में भी अन्य नशीले पदार्थो का मिलना भी आम है इसलिए इस तरह की चीजों का सेवन बिल्कुल ना करे।
होली शायरी हिंदी में (Holi Shayari In Hindi)
‘रंगों से भरी इस दुनियां में, होली का रंग बिरंगा त्यौहार है
सभी गिले शिक्वे भुलाकर खुशियाँ मनाने का त्यौहार है होली,
रंगीन दुनियां का रंगीन पैगाम है होली,
हर तरफ धूम है मची “बुरा ना मानों होली है होली।