Market Cap क्या होता है ! What Is Market Cap In Hindi ! और इसकी गणना कैसे होती है 2023

Market Cap क्या होता है ! What Is Market Cap In Hindi ! और इसकी गणना कैसे होती है

आज हम आपको बताने वाले है Market Cap क्या होता है (What Is Market Capitalization in Hindi) शेयर मार्किट की दुनिया में कोनसी कंपनी बड़ी है कोनसी कंपनी छोटी यह कंपनी की मार्किट कैप फैसला करती है आज के इस लेख में हम जानेंगे मार्किट कैप क्या है Market Cap Meaning & Calculation In Hindi इसकी गणना कैसे की जाती और साथ ही जानेंगे लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप कंपनियों के बारे में विस्तारपूर्वक से। Market Cap क्या होता है In Hindi

Market Cap क्या होता है ! What Is Market Cap In Hindi ! और इसकी गणना कैसे होती है

 मार्केट कैप क्या होता है? What is Market Cap

मार्केट कैप को आसान भाषा मे बताए तो यह कंपनी की Total Market Value से होता है। जिसे उस कम्पनी द्वारा जारी किये गए कुल बचे हुए शेयर की संख्या को वर्तमान में चल रही मौजूदा शेयर की कीमत से गुणा करके निकाला जाता है। इससे कंपनी की मार्किट कैप का पता चलता है, और इसकी मदद से निवेश करने वाले भविष्य की संभावना (Future Potential) का अंदाजा लगा पाता है और Risk & Reward को इन्ही बातों का ध्यान में रखते हुए कंपनी में इन्वेस्ट कर पाता है। Market Cap क्या होता है

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उदाहरण के तौर पर: अगर फिलहाल टाटा मोटर्स के 1 शेयर की कीमत ₹400 रुपये है और टाटा मोटर्स के द्वारा कुल 10,000 शेयर्स जारी किए गए हैं तो ऐसे में Tata कंपनी का कुल मार्केट कैप होगा = ₹40 लाख रुपये (₹400×10,000)

मार्केट कैप की गणना कैसे की जाती है? Market Cap Calculation In Hindi

इसका फार्मूला होता है  Market Cap = Current Share Price x Total Outstanding Shares

बाजार पूंजीकरण = वर्तमान शेयर मूल्य x कंपनी द्वारा जारी कुल शेयर

Open Market – सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक खुली रहती है।

Current Share Price – मार्किट ओपन होने के बाद और खत्म होने से पहले मार्किट चलती है उस समय किस भी कंपनी का जो Running Price चल रही होती है उसे करंट शेयर प्राइस कहा जाता है। और यह Company Growth, Demand & Supply, Financial Data अन्य कई और तथ्यों के आधार पर लगातार बदलती रहती है।

आउटस्टैंडिंग शेयर (Outstanding Shares) – ये  शेयर कंपनी के द्वारा जारी किये गये कुल स्वीकृत शेयर्स से होता है जो हर प्रकार के प्रमोटर, इन्वेस्टर, एम्प्लॉई, ऑफिसर, के पास मौजूद होते है। और इसमें राज्य-कोष (Treasury Shares) मौजूद नहीं होते है और इन्हें कंपनी वापस खरीद लेती है।

भारत की टॉप 10 हाई मार्केट कैप कम्पनियाँ

Company.                            Market Cap.

1. Reliance.                         1,787,716

2. TCS                                   1,387,181

3. HDFC.                               818,105

4. INFOSYS.                         801,068

5. ICICI BANK.                     509,629

6. HUL.                                  478,88.94

7. SBI.                                    441,991.39

8. BAJAJ FINANCE.           439,344.86

9. HDFC.                               435,997.04

10. BHARTI AIRTEL.           415,987,.23

मार्केट कैप कितने प्रकार के होते है?

मार्किट कैप (Market Capitalization) को 3 भागों में बाटा गया है  –

Company         Market Cap

Large Cap.       ₹20,000 करोड़ से अधिक

Mid Cap.          ₹5,000 करोड़ से ₹20,000 करोड़

Small Cap.      ₹5,000 करोड़ से कम

1. Large Cap (बड़ा पूंजीकरण)

लार्ज कैप कंपनियों के अधीन वह कंपनियां आती है जिनकी मार्किट कैपिटलाइजेशन (Market Capitalization) ₹20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की होती है। और इन्हें इन्हें Blue Chip Stocks कहाँ जाता है और ये पिछले कई दशकों से शेयर मार्केट में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और इनमें निवेश करने वालो को लगातार अच्छा रिटर्न देती आ रही है। 

लार्ज कैप कंपनीया मंदी के वक़्त में भी Stable बनी रहती है और अपनी कंपनी को नुकसान में नही जाने देती। हमेशा कंपनी को फायदे में रखती है। Present में लार्ज मार्किट कैप में 185 के आस-पास कंपनियों को भारतीय शेयर मार्केट में लिस्ट किया गया है। 

उदाहरण: निफ़्टी 50 के अंतर्गत आने वाली सभी कंपनियां भी लार्ज कैप में ही आती है।

2. Mid Cap (मध्य पूंजीकरण)

मिड कैप कम्पनियों का मार्केट कैप ₹5000 करोड़ रुपए से लेकर ₹20000 करोड़ रुपए के बीच में होता है

लार्ज कैप कंपनियों के मुकाबले में इन कंपनियों में ज्यादा अस्थिरता (Volatility) होने से इनमें निवेश करना थोड़ा रिस्की हो जाता है।

लेकिन इनकी एक खास बात करे तो इन कंपनियों को नियर लीडर (Near Leader) माना जाता है और भविष्य में आगे चलकर इसकी संभावना बढ़ जाती है जिसे हाई ग्रोथ और एक लार्ज कैप कंपनी बनने के Chances अधिक होते है।

3 Small Cap (छोटा पूंजीकरण)

Stock Market में सभी Listed कंपनियों में से 85% स्माल कैप कंपनियां है। और इनका मार्केट कैप 5000 करोड़ रुपए से कम का होता है। बेसक ये मार्किट कैप में में छोटी होती है लेकिन इनकी Growth Possibility भी High होती है। और इसी वजह से अधिकतर खुदरा निवेशक (Retail Investor) इसमें निवेश करते है।

लेकिन Small Market Cap होने की वजह से इसमें बहुत ही ज्यादा रिस्क होता है, और यह मंदी के समय मे अपने आप को Stable नही रख पाती। इसके कारण यह नुकसान में चली जाती है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्यों जरूरी है? (Why Is Market Capitallization Important)

Market Cap छोटी या बड़ी कंपनी की वास्तविक आकार (Actual Size) को बताता है। मार्किट कैप से निवेशक जितनी मर्जी कंपनियों की तुलना करके जोखिम लेने की क्षमता का अच्छे से पता लगा सकते है। और साथ ही investment के लिए एक अच्छी कंपनी को चुन सकते है। 

मार्किट कैप द्वारा हम कंपनी की Growth, Returns, Future Possibility को अच्छे से देख सकते है और समझ सकते है जितनी बड़ी मार्किट कैप होती है उतनी ही ज्यादा ग्रोथ होने की संभावना होती है। वैसे अधिक कंपनियों द्वारा देखा गया है की लार्ज कैप कंपनी स्टेबल रिटर्न्स प्रदान करती है।

इसी तरह स्माल कैप कंपनियों में High Risk होता है और लेकिन ज्यादा रिटर्न्स की तो कोई भी संभावना नही होती।

 PoetryDukan द्वारा लिखे गए इस लेख से आपने जाना Market Cap क्या होता है इसकी गणना कैसे की जाती है, और यह कितना जरूरी होता है। अगर आपका मार्किट कैप से जुड़ा कोई भी सवाल हो तो आप कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते है धन्यवाद।

 

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