Mahakumbh 2025 Dates : महाकुंभ क्यों मनाया जाता है और कितने साल बाद आता है

Mahakumbh 2025 Dates महाकुंभ प्रयागराज, जिसे पौराणिक मान्यताओं में “त्रिवेणी संगम” के लिए जाना जाता है, 2025 में महाकुंभ मेले का आयोजन करेगा। यह मेला भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का ऐसा संगम है, जहां आस्था और परंपरा जीवंत हो उठती हैं। महाकुंभ 2025 का आयोजन 14 जनवरी से 14 अप्रैल तक होगा, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करेंगे। Mahakumbh 2025 Dates

महाकुंभ का पौराणिक महत्व?

महाकुंभ मेला हिंदू धर्म की उन गहरी मान्यताओं का प्रतीक है, जो अमृत कलश से जुड़ी हैं। समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश से अमृत की बूंदें चार स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक पर गिरीं। इन स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।

प्रयागराज का त्रिवेणी संगम – गंगा, यमुना, और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन स्थल सभी तीर्थ स्थलों में सबसे पवित्र माना गया है।

महाकुंभ मेला 2025 भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है और हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह मेला हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। यहाँ इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:

महाकुंभ मेला क्यों मनाया जाता है?

महाकुंभ मेला हिंदू धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों (हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक) पर आयोजित किया जाता है। इसका आयोजन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किया जाता है:

समुद्र मंथन की कथा : पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच अमृत कलश को लेकर संघर्ष हुआ था। अमृत की कुछ बूंदें चार स्थानों (हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, और नासिक) पर गिरीं।

आध्यात्मिक शुद्धि : ऐसा माना जाता है कि इन स्थानों पर गंगा, यमुना और सरस्वती (प्रयागराज में) नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ये भी पढ़े – HMPV Virus क्या है? जानिए इसके लक्षण, इलाज 2025

Mahakumbh 2025 Dates 

Mahakumbh 2025 Dates का आयोजन हरिद्वार में 14 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 14 अप्रैल 2025 तक चलेगा।
प्रमुख स्नान की तिथियां इस प्रकार हैं:

1. मकर संक्रांति – 14 जनवरी 2025
2. पौष पूर्णिमा – 25 जनवरी 2025
3. मौनी अमावस्या – 10 फरवरी 2025
4. बसंत पंचमी – 16 फरवरी 2025
5. माघ पूर्णिमा – 25 फरवरी 2025
6. महाशिवरात्रि – 13 मार्च 2025
7. सोमवती अमावस्या – 31 मार्च 2025
8. राम नवमी – 9 अप्रैल 2025
9. चैत्र पूर्णिमा – 14 अप्रैल 2025

महाकुंभ मेला कितने साल बाद आयोजित किया जाता है?

1. कुंभ मेला हर 12 साल में चार तीर्थस्थलों में से किसी एक पर आयोजित होता है।
2. अर्धकुंभ मेला हर 6 साल में आयोजित होता है।
3. महाकुंभ मेला केवल प्रयागराज में हर 144 साल में होता है।

हरिद्वार में महाकुंभ मेला का आयोजन 12 साल के अंतराल पर होता है।

महाकुंभ में विशेष आकर्षण?

त्रिवेणी संगम का स्नान: पवित्र नदियों में स्नान आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है।
नागा साधु और अखाड़े: विभिन्न साधु-संतों के अखाड़े विशेष आकर्षण होते हैं।
धार्मिक प्रवचन: संत-महात्मा और धर्मगुरु भक्तों को प्रेरणादायक प्रवचन देते हैं।
योग और ध्यान: विश्वभर से योग प्रेमी इस आयोजन में भाग लेते हैं।
संस्कृति का प्रदर्शन: भारतीय लोक संगीत, नृत्य, और परंपरागत कलाओं का प्रदर्शन।

आप इस आयोजन में भाग लेने की योजना बना सकते हैं और आध्यात्मिक अनुभव का आनंद ले सकते हैं!

Leave a Comment